सरकार के सख्त रुख के बावजूद मुनाफा कमाने के चक्कर में मोबाइल कंपनियां देश की सुरक्षा को ताक में रख रही हैं। ये कंपनियां, मोबाइल कनेक्शन बेचने की होड़ में ग्राहकों के अते-पते की पहचान यानी आईडी प्रूफ के बिना ही कनेक्शन बांट रही है। इन मोबाइल कंपनियों के इस गोरख धंधे के कारन आज देश की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह हाशिये पर आ कड़ी हुई है अगर आंकड़ो पर नज़र डाले तो सर्कार के कड़े रुख के बावजूद और भरी जुर्माना ठोके जाने पर भी इस प्रकार के फर्जी कनेक्शनो में कोई कमी नहीं आई है जो की देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगता है इस साल तो सत्यापन का औसत सिर्फ 87 फीसदी तक ही बैठ रहा है। सीधी सी बात है कि हर साल सुरक्षा व्यवस्था को हाशिये पर रख कर हजारों फर्जी कनेक्शन बांटे जा रहे हैं।
दूरसंचार विभाग का दूरसंचार प्रवर्तन संसाधन और निगरानी सेल यानी टीईआरएम, हर माह ग्राहकों के सत्यापन संबंधी दस्तावेजों के सैंपलों की निगरानी करता है। पिछले तीन सालों से इस निगरानी में कंपनियों ने शत प्रतिशत नतीजे नहीं दिए है। 2007 में सत्यापन का प्रतिशत 81 फीसदी, 2008 में 84 फीसदी, 2009 में 91 फीसदी और वर्ष 2010 में अब तक 87 फीसदी रहा है। हेरानी की बात तोह यह है की जहा पर सुक्ष व्यवस्था सुचारू करने की सबसे अधिक आवश्यकता है वाही पर सबसे ज्यादा फर्जी कनेक्शन यानि अति संवेदनशील राज्य जम्मू-कश्मीर में दिए जा रहे हैं। इनका प्रतिशत 62.1 फीसदी ही बैठ रहा है।
Wednesday, August 18, 2010
मुनाफे की फेर में देश की सुरक्षा को ताक पर रखती मोबाइल कंपनिया ................
7:06 PM
chambanews
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