Sunday, August 29, 2010

वोडाफोन ने भी भारतीय बाज़ार के लिए लॉच किया सोलर फोन

वोडाफोन ने भारत में अपना पहला सौर ऊर्जा से चलने वाला फोन उतारा है।
भारत के उन इलाकों में जहां बि‍जली एक बड़ी समस्‍या है, यह फोन बेहद कारगर साबित हो सकता है। वीएफ 247 बनाने के पीछे कंपनी का इरादा भी ग्रामीण इलाके की जनता तक पहुंचना है। जानकारों की राय में सूरज की रोशनी से चार्ज होने वाला यह फोन देश के उन ग्रामीण इलाकों के लि‍ये कि‍सी वरदान सरीखा होगा, जहां अभी तक बि‍जली नहीं पहुंच पायी है। अब उन्‍हें अपना फोन चार्ज करने के लि‍ये बि‍जली की जरूरत नहीं होगी।
ऐसा नहीं है कि यह फोन केवल भारत के ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिये ही फायदेमंद साबित होगा। शहरी इलाकों के लिये भी इस फोन के फायदे कम नहीं हैं, वे लोग जिन्‍हें लंबी बातें करने का शौक है, उनके लिये भी यह फोन कम फायदेमंद नहीं होगा।
वीएफ 247, सैमसंग के भारत में पहले सोलर चार्ज फोन गुरु 1107 के लॉंच होने के करीब एक साल बाद आया है। वोडाफोन के मुताबि‍क वीएफ 247 सूरज की रोशनी से अपने आप चार्ज हो जाता है। इसके साथ फोन में एक खास तरह का हार्डवेयर लगाया गया है जि‍सकी मदद से फोन सामान्‍य रोशनी में कमरे के अंदर भी चार्ज हो जाता है। इसका अर्थ यह है कि इसे चार्ज करने के लि‍ये सीधे तौर पर सूरज की रोशनी के संपर्क में आने की कोई जरूरत नहीं है। चारों ओर से आ रही सामान्‍य सूरज की रोशनी ही इस फोन को चार्ज करने के लिये काफी होगी। फोन को पूरी तरह चार्ज होने में आठ घंटे का समय लगता है। एक बार चार्ज होने पर यह चार घंटे तक का टॉकटाइम देता है और आठ दिन तक चल सकता है।
इसके साथ ही इस फोन में एक कलर स्‍कीन, पावरफुल टॉर्च और एफएम भी है। यानी इसमें एक बेसिक फोन की सभी जरूरी चीजें मौजूद हैं। हालांकि कंपनी की ओर से फोन के अन्‍य फीचर्स के बारे में खुलासा नहीं किया गया है।
उम्‍मीद जताई जा रही है कि फोन की कीमत 1500 रूपये के आसपास होगी और अगले महीने से पूरे भारत में बिक्री के लिये उपलब्‍ध होगा।

Gmail पर मिलेगी कंप्यूटर से फोन करने की सुविधा ....................

गूगल ने  कहा है  कि उसकी जीमेल सेवा उपभोक्ताओं से कंप्यूटर से किसी भी फोन पर सीधे बात करने की नई सुविधा उपलब्ध कराएगी।
गूगल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर रॉबिन श्रेइबमैन ने कंपनी के ब्लॉग पर लिखा कि आज से आप जीमेल से किसी भी फोन पर बात कर सकते हैं।
श्रेइबमैन ने लिखा, "हमने इसका परीक्षण किया है और इसे बहुत सारी स्थितियों में काफी उपयोगी पाया है।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार गूगल अमेरिका के जीमेल उपभोक्ताओं को यह सुविधा अगले कुछ दिनों में उपलब्ध करा देगी और इसे विश्व स्तर पर उपलब्ध कराने पर काम चल रहा है।
जीमेल के उपयोगकर्ता अमेरिका और कनाडा में इस वर्ष तक मुफ्त में फोन सुविधा का लाभ उठाएंगे। गूगल ने सस्ती अंतर्राष्ट्रीय फोन दरों का वादा किया है।
गूगल का कहना है कि ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, जापान और कई अन्य देशों के लिए फोन कॉल की दरें घटकर दो सेंट प्रति मिनट तक हो सकती हैं।
जीमेल पहले ही 'वॉयस एंड वीडियो चैट' सेवा उपलब्ध करा चुका है।जीमेल की इस सुविधा के आ जाने से जीमेल का इस्तेमाल करने वाले करोड़ो लोगो को इस्सका लाभ प्राप्त होगा क्यूंकि आज के समय में जीमेल ही एक ऐसी साईट है जिस पर लोग सर्वाधिक प्रयोग करते है जीमेल पर इस तरह की सुविधा का सबसे ज्यादा फायदा तोह भारत में ही होने वाला है और अगर जीमेल यह फ़ोन की सुविधा सस्ती दरो पर उपलब्ध करवाता है तोह इसका सबसे अधिक लाभ होगा ......................

Saturday, August 28, 2010

‘भगवा आतंकवाद’ क्या होता है : संघ

केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के ‘भगवा आतंकवाद’ संबंधी बयान पर मचे बवाल के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहना है कि इस शब्द का प्रयोग उस बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसके तहत एक समुदाय विशेष को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की जा रही है।

संघ के सर कार्यवाह सुरेश राव जोशी ने यहां कल रात बापूराव लेले स्मृति पत्रकारिता सम्मान समारोह में कहा कि पहले हिंदू आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया गया। अब भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन कोई मुझे बताए कि यह भगवा आतंकवाद क्या होता है।

जोशी ने किसी का नाम लिये बगैर आरोप लगाया कि भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल हिंदू समुदाय के खिलाफ रचे गये बड़े षड़यंत्र के तहत किया जा रहा है, ताकि इस समुदाय को कटघरे में खड़ा किया जा सके। उन्होंने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द को शब्दावली से दूर रखने पर जोर दिया और कहा कि ऐसे शब्द भारतीय समाज के पोषक नहीं हो सकते।

Wednesday, August 18, 2010

हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के प्रयास

सरकार ने कहा है कि वह हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। इस विषय पर 2003 में विदेश मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया था। लोकसभा में महाबल मिश्रा के प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा कि अभी संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं जिसमें अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, रूसी, चीनी और अरबी शामिल हैं। सतत प्रयास के कारण ही संयुक्त राष्ट्र में हिंदी पर एक साप्ताहिक कार्यक्रम सुनिश्चित हो सका। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वेबसाइट पर भी हिंदी सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।

उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था
मंत्री ने कहा कि 26 फरवरी 2003 को विदेश मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इसके बाद इस विषय पर विचार के करने के लिए विदेश राज्य मंत्री की अध्यक्षता में एक उपसमिति भी गठित की गई थी। कृष्णा ने कहा कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 8वां विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसके अलावा कई भारतीय नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में व्याख्यान दिए है।

मुनाफे की फेर में देश की सुरक्षा को ताक पर रखती मोबाइल कंपनिया ................

सरकार के सख्त रुख के बावजूद मुनाफा कमाने के चक्कर में मोबाइल कंपनियां देश की सुरक्षा को ताक में रख रही हैं। ये कंपनियां, मोबाइल कनेक्शन बेचने की होड़ में ग्राहकों के अते-पते की पहचान यानी आईडी प्रूफ के बिना ही कनेक्शन बांट रही है। इन मोबाइल कंपनियों के इस गोरख धंधे के कारन आज देश की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह हाशिये पर आ कड़ी हुई है अगर आंकड़ो पर नज़र डाले तो सर्कार के कड़े रुख के बावजूद और भरी जुर्माना ठोके जाने पर भी इस प्रकार के फर्जी कनेक्शनो में कोई कमी नहीं आई है जो की देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगता है इस साल तो सत्यापन का औसत सिर्फ 87 फीसदी तक ही बैठ रहा है। सीधी सी बात है कि हर साल  सुरक्षा व्यवस्था को  हाशिये  पर    रख  कर  हजारों फर्जी कनेक्शन बांटे जा रहे हैं।


दूरसंचार विभाग का दूरसंचार प्रवर्तन संसाधन और निगरानी सेल यानी टीईआरएम, हर माह ग्राहकों के सत्यापन संबंधी दस्तावेजों के सैंपलों की निगरानी करता है। पिछले तीन सालों से इस निगरानी में कंपनियों ने शत प्रतिशत नतीजे नहीं दिए है। 2007 में सत्यापन का प्रतिशत 81 फीसदी, 2008 में 84 फीसदी, 2009 में 91 फीसदी और वर्ष 2010 में अब तक 87 फीसदी रहा है। हेरानी की बात तोह यह है की जहा पर सुक्ष व्यवस्था सुचारू करने की सबसे अधिक आवश्यकता है वाही पर  सबसे ज्यादा फर्जी कनेक्शन यानि  अति संवेदनशील राज्य जम्मू-कश्मीर में दिए जा रहे हैं। इनका प्रतिशत 62.1 फीसदी ही बैठ रहा है।

ओलिव का स्लेट कंप्यूटर

वायरलेस डिवाइस निर्माता कंपनी ओलिव टेलीकॉम ने बृहस्पतिवार को स्लेट के आकार का टच स्क्रीन पर्सनल कंप्यूटर पेश किया। बाजार में इसकी कीमत 25,000 रुपये है। कंपनी ने बताया कि उसने ओलिव पैड-वीटी 100 पेश किया है। यह एंड्रायड प्रणाली से चलता है। 3.5 जीबी के सपोर्ट के साथ इसमें वाई-फाई और ब्लूटूथ जैसी सुविधाएं भी हैं। कंपनी ने अगले छह माह में एक लाख ओलिव पैड बेचने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कंपनी ने इसकी बिक्री के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खुदरा स्टोर शृंखला ‘क्रोमा सेंटर’ के साथ समझौता किया है।

एबीवीपी करेगी छात्र वर्ग के लिए॒ संघर्ष

एबीवीपी करेगी छात्र वर्ग के लिए॒संघर्ष
चंबा॒कालेज में छात्रों के लिए॒स्वागत समारोह आयोजित
कहा, एससीए॒चुनाव में मिलेंगी संगठन को सीटें
चंबा॒। स्थानीय महाविद्यालय में एबीवीपी ने नए॒छात्र-छात्राओं के लिए॒स्वागत समारोह का आयोजन किया। जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य एमएल॒शर्मा और पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डा. डीके सोनी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस मौके पर प्रांत सह मंत्री दयाकृष्ण॒ने कहा कि एबीवीपी जब २००८॒की एससीए॒में थी, तो एबीवीपी ने आम छात्र वर्ग के लिए॒संघर्ष किया।
उन्हाेंने कहा कि २००९-१०॒की एनएसयूआई तथा एसएफआई॒एससीए॒थी तो उन्हाेंने महाविद्यालय में नाममात्र का कार्य किया। एबीवीपी ने २००९॒और १०॒में महाविद्यालय में एसटी, एससी तथा आईआरडीपी॒के विद्यार्थियों के लिए॒मुफ्त किताबें मुहैया करवाईं।॒इसके साथ महाविद्यालय के भवन निर्माण का कार्य शुरू करवाया। संगठन कालेज में अध्ययन करने वाले छात्रों का हार्दिक अभिनंदन करता है। अगर इस साल एससीए में संगठन को स्थान मिलता है तो महाविद्यालय में एम हिंदी और एमए हिस्ट्री और ऑॅन॒लाइन कोर्स शुरू करवाने के लिए॒संषर्घ॒किया जाएगा। इस बार महाविद्यालय में भगवान लहराएगा। इस मौके पर नगर अध्यक्ष महेंद्र, नगर मंत्री गौरव बोस, इकाई अध्यक्ष नरेंद्र, मंत्री सुरेश कुमार, विनोद कुमार, अरविंद वर्मा, सतीश, अनिल राणा, अर्चना, दिव्या और धर्मेंद्र उपस्थित थे।

Sunday, August 15, 2010

उमर अब्‍दुल्‍ला पर भी फेंका जूता, नि‍शाना चूका

किसी के प्रति अपना  विरोध जताने के लिए उस व्यक्ति पर जूता फेंकने का सिलसिला अब रुकने का नाम ही नहीं ले रहा अमेरिका से शुरू हुआ विरोध का यह तरीका अब अधिकतर लोगो को सबसे बढ़िया लगने लग पड़ा है शायद यही वजह है की आज जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर स्वाधीनता दिवस समारोह के दौरान एक व्यक्ति ने जूता उछाल दिया। जूता अब्दुल्ला के शरीर को छू नहीं सका और वह उनके बेहद करीब से निकल गया।
प्रारंभिक जानकारी में पता चला है की  जूता उछालने वाला  युवक जम्मू एवं कश्मीर पुलिस में सहायक उप निरीक्षक के पद पर तैनात है। उसने मुख्यमंत्री को कथित तौर पर काला झंडा भी दिखाया। इस घटना के बाद युवक को गिरफ्तार कर लिया गया।
 घटना के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "विरोध करने का यह तरीका सही नहीं है लेकिन शुक्र है कि वह जूता था, पत्थर नहीं।"
 लेकिन चाहे विरोध का यह तरीका सही नहीं है लेकिन गौर करने योग्य बात यह है की आखिर ऐसी क्या वजह रही होगी की कश्मीर पुलिस के युवक को ऐसा कदम उठाना पड़ा शायद कश्मीर घाटी के बिगड़े हालत ही इसकी सबसे बड़ी वजह है क्यूंकि आज घाटी के हालत बिगड़े लग-भाग दो महीने का समय होने लगा है लेकिन सरकार की और से इसको सुधारने के प्रयास न काफी ही साबित हुए है और आज यही कारन रहा की कश्मीरी युवक ने मजबूर होकर अपना विरोध अपने ही राज्य के मुख्यमंत्री पर इस प्रकार जूता फ़ेंक कर जताया ........................

Saturday, August 14, 2010

मोबाइल कुंडली - मोबाइल फोन के लिए ज्योतिष सॉफ्टवेयर



मोबाइल Kundli सबसे शक्तिशाली है भारतीय ज्योतिष और वैदिक ज्योतिष अब मोबाइल  के लिए भी उपलब्ध.ओजस सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड ने हाल में मोबाइल फोन के लिए ज्योतिष का सॉफ्टवेयर लौंच कर भारतीय मोबाइल ग्राहकों को भारतीय ज्योतिष और वैदिक ज्योतिष की सुविधा देने की नयी पहल की है इस सॉफ्टवेयर के आ जाने से भारत के ग्राहकों को अब अपना दैनिक भविष्यफल आदि बड़ी आसानी से केवल मोबाइल पर थोड़ी सी जानकारी उपलभ करवाने के पश्चात् ही पलक झपकते ही उपलब्ध  हो जायेगा इस पहल के कारन सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड ने भारत के मोबाइल बाज़ार में काफी नाम भी अर्जित कर लिया है इस सॉफ्टवेयर को प्राप्त करना भी बहुत आसन है आप इसका मुफ्त वेर्सन कंपनी की साईट से डाउनलोड कर सकते है और साथ ही इसका सॉफ्टवेयर का पूरा प्रारूप भी साईट से ऑनलाइन ही प्राप्त किया जा सकता है ...............

Friday, August 13, 2010

एप्पल के आईफोन 4 को जबरदस्त रिस्पांस

एप्पल ने ब्लैकबेरी की मजबूत पकड़ वाले कनाडा के बाजार में एप्पल आईफोन 4 उतार दिया है। टोरंटो, हैलीफैक्स और वैंकूवर जैसे शहरों में आईफोन 4 की बिक्री शुरू करने वाले स्टोरों पर खरीदारों की कतार देखने को मिल रही है। यहां के प्रसिद्ध इटॉन सेंटर स्थित एप्पल स्टोर से बाहर आए डैनी कहते हैं कि इसे पाकर मैं बेहद खुश हूं इसे अपने हाथ में देखना बेहद खुशनुमा अहसास है। रिटेल स्टोर के सामने रात भर से इंतजार कर रहे कैमरन बर्गीज को जब आईफोन 4 मिला तो वह अपने उत्साह पर नियंत्रण नहीं कर सके और चिल्लाते हुए बोले, ‘यह मेरे लिए ही बना है।’

स्टोर्स पर स्टॉक खत्म हुआ
कैमरन ने कहा कि यह मेरे पुराने हैंडसेट से तेज है, बहुत तेज। आप इसे पसंद करते हैं लेकिन आप नहीं जानते कि क्यों। कुछ लोगों को तो एक साथ कई आईफोन एक साथ खरीदकर स्टोर से बाहर आते देखा गया। अब बिक्री का यह आलम था तो स्टोर्स पर स्टॉक खत्म होना ही था। एक महिला एक के बाद कई स्टोर्स पर गई लेकिन उसे बताया गया कि स्टॉक खत्म हो चुका है। उसने कहा कि मुझे लगता है कि मेरी आईफोन की तलाश फिलहाल समाप्त हो गई है, मैनें हार मान ली है।

फोन के साथ एक रबर का कवर भी मिला
कनाडा में इस फोन के दो मॉडल 16जीबी 659 डॉलर और 32 जीबी मॉडल 779 डॉलर की कीमत में उतारे हैं। अमेरिका में कॉल टूटने की शिकायतों के चलते एप्पल ने अपने नए ग्राहकों को फोन के साथ एक रबर का कवर भी उपलब्ध कराया है जिससे सिग्नल कम मिलने की समस्या दूर हो जाती है। एप्पल के प्रति उमड़े इस उत्साह से उसकी प्रतिद्वंदी ब्लैकबेरी भी अनजान नहीं है। ब्लैकबेरी निर्माता कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) गुरुवार को न्यूयॉर्क में अपना नया फोन ब्लैकबेरी 9800 बाजार में उतारने जा रही है।

एयरटेल मोबाइल पर फेसबुक मुफ्त

दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के ग्राहक अब अपने मोबाइल पर सामूहिक संवाद वाली वेबसाइट फेसबुक का इस्तेमाल मुफ्त में कर सकते हैं। इस ऑफर का लाभ 31 अगस्त तक उठाया जा सकता है। कंपनी ने बताया कि पहले से मोबाइल इंटरनेट का लाभ उठा रहे एयरटेल ग्राहक इसका लाभ तुरंत उठा सकते हैं। पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को ‘फेसबुक’ लिखकर 54321 पर एसएमएस करना होगा। इसके लिए एयरटेल ने फेसबुक के साथ एक समझौता किया है।

इसके तहत उसके 13 करोड़ ग्राहक फेसबुक की मोबाइल वेबसाइट सुविधा का लाभ बिना किसी खर्च के उठा सकते हैं। प्रारंभ में फेसबुक की मोबाइल साइट हिंदी और अंग्रजी में उपलब्ध होगी। 15 जुलाई से इसे पंजाबी, बंगाली, तेलुगु, तमिल और मलयालम में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। फेसबुक की मोबाइल बिजनेस प्रमुख हेनरी मोइसिनाक ने कहा कि विश्व भर के 10 करोड़ से ज्यादा लोग फेसबुक का इस्तेमाल मोबाइल के जरिये करते हैं।

कलमाडी की कुर्सी को फिलहाल खतरा नहीं

कांग्रेस पार्टी ने ऐसे संकेत दिए हैं कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों के चलते मुश्किलों से घिरे राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति (ओसी) के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी की कुर्सी को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों और इससे जुड़े विवादों को लेकर कांग्रेस कोर समिति ने एक बैठक बुलाई है।

अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के एक पदाधिकारी ने बताया कि आलाकमान इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाकर अधिकारियों को बदलने की जगह सबका ध्यान खेलों के सफल आयोजन पर होना चाहिए। इस संबंध में हालांकि पार्टी ने गंभीरता बरतते हुए आगे की तैयारियों के लिए कैबिनेट सचिव के.एम. चंद्रशेखर को नोडल अधिकारी के तौर पर तैयारियों का जायजा लेने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस पदाधिकारी ने कहा कि कैबिनेट सचिव खेलों की तैयारियों में जुट गए हैं। वह तैयारियों पर नजर रखने के अलावा इस संबंध में प्रधानमंत्री को ताजातरीन जानकारी देते हैं।

आज होने वाली कोर समिति की बैठक में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी, ए. के. एंटनी और पी. चिदंबरम के अलावा पार्टी अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल शामिल होंगे। सूत्रों ने कहा है कि पटेल तथा पार्टी के अन्य नेताओं ने तमाम विवादों को लेकर सोनिया को अवगत करा दिया है क्योंकि वह 25 जुलाई से देश मे नहीं थीं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेताओं का एक धड़ा चाहता है कि राहुल खुद भी खेलों की तैयारियों की निगरानी करने वाली समिति के सदस्य बनें। राहुल के सहयोगियों ने हालांकि उन्हें इस काम से दूर रहने की सलाह दी है।

पहाड़ो में ट्रेकिंग करने का भी अपना ही लुत्फ़ है

हिमालय में ट्रेकिंग करते हुए नए नए क्षेत्रो में घुमने का भी अपना ही आनंद है जहाँ ऐसे घुमने से हम नए नए क्षेत्रो को देखते है वही नए लोगो और नयी नयी संसक्रित्यो से भी रूबरू होने का मौका मिलता है और साथ ही ट्रेकिंग करने के बहुत से फायदे भी है ट्रेकिंग के दोरान हमें हर समय किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तयार रहना पड़ता है इस कारन ट्रेकिंग से हमारा शारीर तोह कड़ा बनता ही है हमारा  मानसिक  विकास भी होता है ट्रेकिंग के दोरान खुले वातावरण में रहने के भी अवसर प्राप्त होते है और पहाड़ो में छिपी सुन्दरता से भी वाकिफ होने के अवसर मिलते है ल
ट्रेकिंग के लिए जरुरी सामान 
कहीं भी ट्रेकिंग पे जाने से पूर्व हमें उस क्षेत्र के बारे में जितनी हो सके उतनी जानकारी जुटा लेनी चाहिए या फिर किसी गाइड को अपने साथ ले लेना चाहिए फिर जहा आप ट्रेकिंग पर जा रहे है उस क्षेत्र के अनुसार अपना सामान पहले से ही तयार कर लेना चाहिए सबसे पहले ट्रेकिंग पर जाने के लिए एक बढ़िया रक् शेक पिठू होना चाहिए जिसमे की आप अपना सामान सही तरीके से ड़ाल सके और जिसको उठाने में भी खासी परेशानी न हो  ट्रेकिंग पे जाने से पूर्व टौर्च , पानी की बोत्टेल , गरम कपड़े, अछे जुते, फर्स्ट एड किट, खाने का राशन , dry fruite , स्लीपिंग बैग , टेंट , चाकू, हलकी विंड चीटर जक्केट   आदि होना बहुत  आवश्यक है ................

ट्रेकिंग के दोरान ध्यान रखने योग्य बाते 
चाहे आप कहीं भी ट्रेकिंग पर जाये यह ध्यान में रखे की आप पहाड़ो को गन्दा न करे और साथ ही जिस क्षेत्र में आप ट्रेकिंग पे जा रहे है वह के लोगो के साथ घुल मिल कर रहे और लोगो की जितनी हो सके मदद करे और जो लोग आपके साथ ट्रेकिंग पर जा रहे है उनके साथ भी पूरा सहयोग करे और शांत रह कर पूरा समय आनंद ले क्यूंकि कई बार जब हम ट्रेकिंग पर जाते है तोह ऊंचाई बदने के साथ चिडचिडा पण गुस्सा आदि आने लगता है और इस कारन जो साथी ट्रेकिंग में साथ होते है हम छोटी छोटी बातो पर  उनके साथ भी उलझ जाते है इस लिए इन् सब बातो का ट्रेकिंग पर जाने से पहले खास तोर पर मानसिक रूप से तेयार रहना चाहिए और अपने साथियों की हर संभव सहायता करने के लिए हर दम तेयार रहना चाहिए..................

कश्मीर घाटी में पुलिस फायरिंग में युवक की मौत...........................

उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा और बारामूला जिलों में आज पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए यह फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि यहां से 150 किलोमीटर दूर आज सुबह करालपोरा-त्रेहग्राम के लोगों ने नारे लगाते हुए एक जुलूस निकाला। पुलिस ने जब उनसे अलग-अलग हटने को कहा तो वे उनसे भिड़ गईं इस कारण पुलिस को गोली चलाने के लिए बाध्य होना पड़ा। इस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य लोग घायल हो गए।

कुपवाड़ा जिले में कर्फ्यू लगा
मृतक की पहचान 23 वर्षीय मुद्दसर अहमद के रूप में की गई है। वहीं घायलों में 50 वर्षीय जन्नत बेगम को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों घायलों की हालत स्थिर है। प्रवक्ता ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुपवाड़ा जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ बारामूला जिले के पट्टन शहर में लोग कर्फ्यू तोड़कर सुरक्षा बलों से भीड़ गए जिस कारण सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए बाध्य होना पड़ा। इस घटना में एक युवक घायल हो गया।

सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी
घायल युवक को श्रीनगर के सोरा चिकित्सा संस्थान में रेफर कर दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि पट्टां, बारामूला, हंदवाड़ा और कुपवाड़ा को छोड़कर घाटी के किसी अन्य भाग में कर्फ्यू नहीं लगाया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक युवकों के दल ने श्रीनगर के शेराज चौक, रांगर स्टॉप और जल्दागर में सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की है। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। अलगाववादियों द्वारा किए गए बंद के आह्वान के कारण घाटी में अभी जनजीवन ठप्प पड़ा है। दुकानें, सरकारी दफ्तर, शिक्षण और वयापारिक संस्थान अभी भी बंद हैं।

देश को बर्बाद कर देगी कश्मीर को स्वायत्तता

जम्मू कश्मीर को स्वायत्तता देने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने आज कहा कि यह कदम देश को बर्बाद कर देगा। ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा है, ‘कश्मीर को स्वायत्तता? यह हद है। स्वायत्तता का दर्जा राज्य को नहीं दिया जाना चाहिए अन्यथा यह देश बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कांग्रेस की इस विचार के लिए कड़ी आलोचना की और उससे सत्ता छोड़ देने की मांग की।

उमर स्वायत्ता के दर्जे के पक्ष में
ठाकरे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस बयान पर टिप्पणी कर रहे थे कि केंद्र संविधान के दायरे में जम्मू कश्मीर को स्वायत्तता देने पर विचार करने को तैयार है। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की कश्मीर को स्वायत्तता देने एवं शेख अब्दुला को उसका प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा का पूरे देश और सभी सांसदों ने विरोध किया था और उन्हें अपना कदम वापस लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि अब अब्दुल्ला के वंशज फारूक और उमर स्वायत्ता के दर्जे के पक्ष में हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा। यदि ऐसा हुआ तो देश इसके खिलाफ उठ खड़ा हो जाएगा।

Thursday, August 12, 2010

महंगा भी पड सकता है टैटू गुदवाने का शौक.................???????

जिंदगी को दांव पर लगाकर बाजू गुदवा रहे लोग शायद यह नहीं जानते कि यह शौक उनकी जिंदगी से खिलवाड़ भी कर सकता है। मेलो  में बाहरी राज्यों से  टैटू गोदने वाले लोग हर जगह पहुंचे जाते  हैं। जो मेले में एक बार इस्तेमाल की हुई सुई को दूसरी बार बिना बदले इस्तेमाल करते रहते  हैं। उनकी इस हरकत से अनजान लोग  बाजू व हाथ पर टैटू बनवाते  रहेते  हैं जोकि उनके लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है।

स्वास्थ्य विभाग का भी इस बारे मानना  है कि यदि एक के बाद एक टैटू गोदने के सिस्टम को नहीं बदला जाये तो यह सुई किसी एचआईवी ग्रस्त व्यक्ति से होकर भी गुजर सकती है। और यदि ऐसा कहीं हो गया तो एचआईवी संक्रमण की संभावना सौ फीसदी बढ़ जाती है। हालांकि विभाग के पास इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई का कोई प्रबंध तक नहीं है।

गौर हो कि टैटू बनाने वाली मशीन पर लगी छोटी सी सुई का इस्तेमाल व्यक्ति के शरीर पर होता है, जो जिस्म में बार-बार धंसती है। यह सुई सीधे जाकर खून की नसों के संपर्क में आती है। हालांकि यदि सुई को हर बार बदला जाए तो कोई खतरा नहीं, लेकिन कुछ लोग पैसों के लालच में  टैटू बनवाने  वाले लोगों की जिंदगी को दांव पर लगा देते  हैं।

टैटू के दुष्परिणाम से बेखबर शौकीन लोग बाजू या शरीर के अन्य हिस्सों पर टैटू बनवा   लेते हैं।

चंबा के प्रसिद्ध रूमाल, चुख व जरीस पर छाए संकट के बादल .........................

कभी चंबा रियासत से दिल्ली दरबार तक जिस चंबा रूमाल का डंका बजता था आज उसे पूछने वाला कोई नहीं है। इसकी वजह यह है कि रेशम की बढ़ती कीमतों ने कारीगरों के हाथ बांध दिए हैं, वहीं मार्केटिंग का अभाव भी चंबा रूमाल को खल रहा है। यही हाल चंबा चुख और जरीस का भी है।
दोतरफा डिजाइन के अदभुत नमूने को चंबा रूमाल की पहचान मिली थी, लेकिन अब न तो इसके कद्रदान हैं और न ही भारी-भरकम कीमत को अदा कर इसे खरीदने के शौकीन। चंबा रूमाल की कीमत इस समय ढाई से दस हजार रुपये तक है। अगर उत्पादकों से हिमाचल में बिक्री के बारे में पूछा जाए तो उनका जवाब दस प्रतिशत तक रहता है, जबकि हिमाचल से बाहर इसकी बिक्री 30 से 50 प्रतिशत के बीच है। यानी चाहे प्रदेश के भीतर हो या बाहर, बिक्री सौ फीसदी के आंकड़े को कभी छू नहीं पाई।
विशेषज्ञों की मानें तो चंबा रूमाल बनाने वाले कारीगर लंबे समय तक इस काम से जुड़े नहीं रह पाते हैं। दरअसल, चंबा रूमाल में बेहद बारीकी से काम होता है। रेशम के धागों का डिजाइन बनाने के लिए ध्यान केंद्रित करना पड़ता है। ऐसे में कारीगर की आंखों पर गहरा असर पड़ता है। लगातार पांच साल तक इस रूमाल का काम करने वाले कारीगर को चश्मे की जरूरत पड़ जाती है। इतनी मेहनत के बाद बनाए रूमाल को तवज्जो न मिलने से ज्यादातर उत्पाद कारीगरों के घरों की दीवारों की ही शोभा बढ़ाते हैं।
हिमाचल से बाहर चंबा रूमाल बिक्री के लिए बाबा खड़क सिंह मार्ग दिल्ली, बंगलूर और चंडीगढ़ में हिमाचल इंपोरियम में मौजूद है। हालांकि वहां भी खासतौर पर कोई ग्राहक रूमाल खरीदने के लिए नहीं आता है। अब तक चंबा रूमाल की जो भी बिक्री हुई है उसके लिए कारीगरों को खुद ग्राहक ढूंढ़ने पड़े हैं। कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी ग्राहक ने केंद्र में आकर चंबा रूमाल की मांग की हो।
बाक्स
चुख व जरीस खाने वाला कोई नहीं
रूमाल के साथ ही चंबा चुख भी खतरे में है। लाजवाब तरीके से तैयार मिर्ची की चटनी को चखने के लिए चंबा से बाहर कोई तैयार नहीं है। हालत यह है कि चुख के उत्पादन में पांच साल में 50 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं चंबा की मशहूर मीठी जरीस की भी बिक्री लगातार कम होती जा रही है।

चंबा रूमाल, चुख व जरीस  कि हिमाचल व दूसरे राज्यों में  की मांग कम हो रही है। इसे बढ़ाने के लिए सरकार ही कुछ प्रयास कर सकती है। बहुत से कारीगर इस पेशे में आना चाहते हैं, लेकिन मुनाफा कम होने से नहीं आ रहे हैं।
चुख बनाने की विधि
चंबा चुख बनाने के लिए सूखी लाल मिर्च, गलगल का रस, जीरा, मीठी सौंफ, अजवाइन नमक, अदरक, कद्दूकस की गई सूखी मूली का इस्तेमाल होता है। इस सामग्री को सरसों के तेल में पकाकर उसमें गलगल का रस मिलाया जाता है। रस के उबलने पर लाल मिर्च, मूली, अदरक, छोड़ी पिसी अजवाइन, पिसी हुई मीठी सौंफ, जीरा और नमक का मिश्रण डाला जाता है। ठंडा होने पर उसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाया जाता है।
ऐसे बनती है जरीस
कद्दूकस की हुई गरी, सौंफ बड़ी व छोटी इलायची के दाने व मिश्री लेकन सौंफ को हल्का भूना जाता है। उसके बाद शेष सामग्री इसमें मिला दी जाती है।
चंबा रूमाल
सफेद सूती कपड़े पर अलग-अलग रंगों के रेशमी धागे से कढ़ाई कर उकेरे गए चित्र। इसकी विशेषता यह है कि यह देखने पर दोनों तरफ से एक जैसी दिखती है। रूमाल पर आम तौर पर रासलीला व गद्दी-गद्दण के चित्र काढ़े जाते हैं।

एस एफ आई॒ कर रही है महाविद्यालय का माहौल खराब

एस एफ आई॒ कर रही है माहौल खराब
एबीवीपी ने संगठन को लिया आड़े हाथों
कहा, हर कालेज में गुंडागर्दी फैला रही है एस एफ आई॒

चंबा॒। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एस एफ आई॒ पर कालेज का माहौल खराब करने का आरोप जड़ा है। संगठन की आयोजित बैठक में एस एफ आई॒ के नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए॒ विद्यार्थी परिषद के प्रांत सहमंत्री दयाकृष्ण॒ ठाकुर तथा इकाई अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा कि एसएफआई॒ महाविद्यालय में पढ़ाई का माहौल खराब कर रही है। बिना कालेज प्रशासन की अनुमति के अपने कार्यक्रम में सरेआम आउटसाइडरों॒ को बुलाकर प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों की सरेआम अवहेलना कर रही है। इस संगठन के खूनी इतिहास का पता अब महाविद्यालय के आम छात्र वर्ग को लग गया है, जिससे एसएफआई॒ बौखला गई है।
उन्होंने कहा कि एसएफआई॒ के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय से लेकर हर कालेज में गुंडागर्दी की नीति पर काम कर रहे हैं। इकाई अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कहा कि एबीवीपी मांग करती है कि एसएफआई॒ के कार्यक्रम में बुलाए गए॒ आउटसाइडरा पर तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा एबीवीपी आंदोलन करने के लिए॒ बाध्य हो जाएगी। जिस छात्र संगठन को अपना पंजीकृत नंबर और अपना स्थापना दिवस का पता नहीं, वह कहां का छात्र संगठन है। उन्होंने एसएफआई॒ को परिसर में सरेआम बहस करने की चुनौती देते हुए॒कहा कि वह जगह और समय बता दें, एबीवीपी के कार्यकर्त्ता वहां आ जाएंगे।

झमाझम बरसे मेघ बन गए॒ मुसीबत

झमाझम बरसे मेघ बन गए॒ मुसीबत ................
चंबा के लोगो पर  आई आफत............

जिले के कई प्रमुख मार्ग बाधित, संपर्क सड़कें भी क्षतिग्रस्त
६०॒के करीब एचआरटीसी और प्राइवेट बसें रास्तों में फंसी
चंबा॒। लगातार बरस रहे मेघ अब जनजीवन पर भारी पड़ने लगे हैं। अब तक जिले के कई मुख्य मार्ग ध्वस्त हो गए॒हैं। इसके अलावा लिंक मार्गों पर बनी पुलियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। मुख्य मार्ग बंद होने से यातायात व्यवस्था बुधवार रात से बंद पड़ गई है। यातायात ठप पड़ने से एचआरटीसी और निजी परिवहन की ६०॒से भी अधिक बसें जिले के विभिन्न॒रुटों॒पर फंस गई हैं। ऐसा होने से एचआरटीसी और निजी परिवहन मालिकों को काफी घाटा हुआ है।
बुधवार रात को बारिश का इतना रौद्र रूप दिखा कि सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं। चंबा॒-॒तीसा॒मार्ग पर कई जगह सड़कें भूस्खलन की चपेट में आ गईं हैं। इसके अलावा चंबा॒-॒सिढ़कुंड॒मार्ग पर भी भूस्खलन होने से यह मार्ग बंद पड़ गया। चंबा॒-॒पुखरी॒मार्ग पर गत्ती॒की घार॒पर भूस्खलन से यह मार्ग अनिश्चितकालीन समय के लिए॒बंद पड़ गया। चंबा॒-॒जोत मार्ग भी बंद चल रहा है। साथ ही चंबा॒-॒चुवाड़ी॒मार्ग पर काली घार॒पर भूस्खलन होने से यह मार्ग ठप चल रहा है। चंबा॒-॒पठानकोट मार्ग पर सरुं॒पहाड़ नामक स्थान पर भूस्खलन होने से यह मार्ग बंद पड़ गया है। कुल मिलाकर इन मार्गों पर साठ एचआरटीसी और प्राइवेट बसें फंस गई हैं। बारिश के चलते यातायात ठप होने से लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

Wednesday, August 11, 2010

हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक चंबा का मिंजर मेला ............

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला में मनाया जाने वाला मिंजर का मेला जहाँ चंबा के लोगो के लिए खुशाली का प्रतिक है वहीँ यह मेला सेंकडो बर्षो से चंबा में हिन्दू मुस्लिम एकता का भी प्रतीक है आज २५ जुलाई २०१० को इस मेले का विधिवत शुभारम्भ किया गया सेंकडो वर्षो से चंबा में इस मेले का आयोजन किया जा रहा है और इस मेले की खास बात यह है की जब तक चंबा के मुस्लिम मिर्जा परिवार के सदस्य भगवन लक्ष्मी नारायण और भगवन रगुनाथ को रेशमी धागों से बनी मिंजर अर्पित नहीं करते इस मेले का आगाज नहीं हो सकता पिछले सेंकडो सालो से चंबा में यही परम्परा चली आ रही है जहाँ आज लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर लोगो को धर्म के नाम पर लड़वाने पर तुल्ले है वही आज भी इस तरह की पुराणी परम्पराए हमें यह याद दिलवाती है की चाहे जो भी हो आज भी लोग अमन चैन से भाई चारे के साथ इककठे हो कर जीना चाहते है

मेले भी नहीं बच पा रहे अब राजनीती के दल दल से???............................

मिंजर मेले का  २५ जुलाई को चंबा के चौगन में विधिवत शुभारम्भ हुआ इस अवसर पर वैसे तोह बतोर मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश की महामहिम राज्यपाल उर्मिला सिंह को आना था लेकिन शिमला में भारी बरसात के चलते वो चंबा न आ सकी तोह उनके स्थान पर चंबा सदर के विधायक ने मिंजर मेले का शुभारम्भ विधिवत रूप से किया परन्तु चंबा का यह एतिहासिक मेला भी राजनेताओ की राजनीती से नहीं बच पाया क्यूंकि यह मेला केवल चंबा सदर की जनता का न होकर समस्त चंबा जिला के लोगो की भावनाओ के साथ जुड़ा है परन्तु शायद चंबा सदर के इलावा बाकि क्षेत्रो से जनता का प्रतिनिधितव करने वाले नेता यह बात ही भूल गए थे क्यूंकि रातनीति के चलते चंबा जिला के किसी भी विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने चंबा के इस पारम्परिक और एतिहासिक मेले के शुभारम्भ पर शिरकत तक न की और इस बात से चंबा जिला की जनता बोहत आहात हुई है और जनता केवल अपना प्रतिनिधितव करने वाले नेताओ से यही पूछना चाहती है की क्या नेता राजनीति के चाकर में चंबा के इस पर्व को भी भूलते जा रहे है और नेता अब इस राजनीती के चलते ऐसे सामाजिक और पारंपरिक पर्वो पर भी राजनीति का गन्दा खेल आखिर कब तक जरी रखेंगे .....................................................

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